कुंडली के इस मोड्यूल में आप निम्नलिखित गणनाएं और विवरण प्राप्त करेंगे :-
गणना भाग : जन्मविवरण, अवकहड़ा चक्र, घात चक्र, विस्तृत ग्रहस्पष्ट, लग्नकुंडली, चन्द्रकुंडली, नवमांशकुंडली, चलित तथा निरयण भाव कुंडली, कारक- अवस्था- रश्मियां विंशोत्तरी एवं अंतर्दशायें पूरे 120 वर्षों की, प्रत्यंतर दशा 25 वर्षों की, कृष्णमूर्ति पद्धति, ग्रह कारकत्व एवं स्वामित्व, षोडश वर्ग सारिणी, विंशोपक बल, षड्बल, एवं भावबल सारिणी, अष्टकवर्ग सारिणी I
फलित भाग : शुभ एवं अशुभ ज्ञान, उपाय एवं रत्न विचार, रत्न धारण विधि, साढ़ेसाती विचार, साढ़ेसाती निवारण के उपाय, योग कारक एवं मारक ग्रहों की व्याख्या, दशाकाल में ग्रह्बल, मंगलीक विचार, कालसर्प योग का विस्तृत विवेचन, कालसर्प दोष निवारण के उपाय, कुंडली के सभी बारह भावों की विस्तृत व्याख्या और 10 वर्षों का विशद फलादेश I